FASCINATION ABOUT MAIN MENU इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास विश्व का इतिहास जनरल नॉलेज झ?

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Blog Article

लॉर्ड वेलेस्ली को गवर्नर-जनरल के रूप में नियुक्त किया गया था

हम इतिहास के निर्माता नहीं हैं, हम इसी से बने हैं – मार्टिन लूथर किंग जूनियरभारतीय इतिहास हजारों…

अंकोरवाट मंदिर, कम्बोडिया मे स्थित विश्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर

पू. की दूसरी शताब्दी में पतंजलि ने अष्टाध्यायी पर महाभाष्य लिखा। यास्क ने निरुक्त (ई.पू. पाँचवीं शताब्दी) की रचना की, जिसमें वैदिक शब्दों की व्युत्पत्ति का विवेचन है। वेदों में अनेक छंदों का प्रयोग किया गया है।

यहाँ सभी चीजों की देखभाल बहुत ही अच्छी तरीके से रखी जाती थी।

विश्व के इतिहास से आशय अतीत से लेकर आजतक पृथ्वी के सभी स्थानों की मानवजाति के इतिहास से है।

तीसरा गोलमेज सम्मेलन कब आयोजित किया गया था?

लॉर्ड लिनलिथगो ने वाइसराय के रूप में कार्य किया

रोमन साम्राज्य का इतिहास एवं इटली का एकीकरण

यह सामग्री क्रियेटिव कॉमन्स ऍट्रीब्यूशन/शेयर-अलाइक लाइसेंस के तहत उपलब्ध है;

ग्रंथ परिचय छत्रपति शिवाजी संघर्ष एवं उपलब्धियाँ

उर के पुत्र अंगिरा ने अफ्रिका को जीतकर वहाँ राज्य स्थापित किया था। अंगिरा- पिक्यूना के निर्माता और विजेता यही थे। अंगिरा और मन्यु की विजयों और युद्ध अभियानों के वर्णन से ईरानी- हिब्रु धर्मग्रन्थ भरे पड़े हैं। इनके सर्वग्राही और भयानक आक्रमण से पददलित होकर ईरान के लोग उन्हें अहित देव- दुखदाई अहरिमन और शैतान कह कर पुकारने लगे। अवस्ता में अंगिरामन्यु- अहरिमन कहा है। बाइबिल में उन्हें शैतान कहा गया है। मिल्टन के " स्वर्गनाश " की कथा में इसी विजेता को शैतान कहा गया है। पाश्चात्य देशों के ग्रन्थ इतिहास इन्हीं छह विजेताओं की दिग्विजय के वर्णनों से भरे पड़े हैं। पाश्चात्य साहित्य click here में इन्हें विकराल देव और शैटानिक-होस्ट के अधिनायक कहा गया है। ये छहों ईरान के प्राचीन उपास्यदेव हो गए थे। उन्हींकी विजय गाथा मिल्टन ने चालीस वर्ष तक गाये हैं। पाश्चात्य इतिहासवेत्ताओं ने इस आक्रमण का काल ईसा से करीब तेइस सौ वर्ष पूर्व बताते हैं।

 – उत्तरी काले रंग के तराशे बर्तन (७००–२०० ई.पू.)

अकाल और बाढ़ के समय बहुत से लोगो की मृत्यु भी हो गयी थी सरकार ने लोगो की पर्याप्त सहायता नही की थी। उस समय कोई भी भारतीय ब्रिटिशो को टैक्स देने में सक्षम नही था लेकिन फिर जो भारतीय टैक्स नही देता था उसे ब्रिटिश लोग जेल में डाल देते थे।

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